Nipah Virus क्या है? NIV के लक्षण, बचाव और इलाज की पूरी जानकारी

nipah virus

परिचय (Introduction):

Nipah Virus (NIV) एक ऐसा वायरस जो animals (जानवरों) से इंसानों मे फैलता है। यह एक Zoonotic वायरस है। nipah virus इंसानो मे गंभीर बीमारी और उनकी मौत का कारण बन सकता है। 

India मे 2018 और 2023 मे केरल मे सबसे पहले इसके मामले पाए गए। NIV के मामले मे death rate बहुत अधिक है इसलिए इस वायरस के बारे मे जानना एवं जागरूक रहना बहुत जरुरी है।

 कैसे फैलता है Nipah Virus (NIV)? (How It Spreads):

Nipah वायरस मुख्य रूप से फल खाने वाले जानवरो जैसे चमगादड़ आदि से (Fruit Bats) से फैलता है। यह वायरस सूअर जैसे जानवरों से भी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। 

संक्रमित व्यक्ति के संपर्क मे आने से जैसे थूक, खून, पेशाब आदि से भी यह वायरस फ़ैल सकता है। यह वायरस बहुत तेज़ी से फैलता है।

निपाह वायरस (NIV) के लक्षण (Symptoms):

Nipah virus बहुत ही घातक एन्सेफलाइटिस से होता है। संक्रमित लोगो मे बुखार, उल्टी, गले मे influenza, मांसपेसियों मे दर्द, और थकान जैसे symptom दिखाई देने लगते है। 

इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति मे चक्कर आना, उनींदापन, और तंत्रिका से सम्बंधित लक्षण दिख सकते है जो encephalitis के कारण होता है। 

कुछ मामलो मे साँस लेने मे परेशानी जैसे लक्षण भी पाए गए है। इस वायरस के लक्षण आमतौर पर 3–14 दिन के अंदर दिखाई देने लगते है।

 Nipah Virus की जाँच (Diagnosis):

Nipah virus के संक्रमण को कम करने के लिए लोगो मे इसके प्रति जागरूकता फैलाना जरुरी है एवं लोगो को इसके बारे मे शिक्षित करना जरुरी है।

NIV (Nipah virus) के लक्षण दूसरे वायरल संकमणो जैसे डेंगू या फ्लू से मिलते जुलते हो सकते है। इसलिए सही समय पर इसकी जाँच और पहचान संक्रमण को फैलने से रोक सकती है। 

 Nipah Virus की Diagnosis कैसे होती है?

Nipah Virus (NIV) के संक्रमण के लिए अभी तक कोई दवा या टीका उपलब्ध नहीं है। इस वायरस के लिए कुछ प्रमुख टेस्ट और जांच की प्रक्रिया है जिससे यह पता लगाया जाता है की सम्बंधित व्यक्ति वायरस से संक्रमित है या नहीं। 

RT-PCR (Real-Time Polymerase Chain Reaction) Test:  इस संक्रमण की जाँच के लिए RT-PCR सबसे important है। इस जाँच मे संक्रमित व्यक्ति के नाक या गले की swab की जाँच करके संक्रमण का पता लगाया जा सकता है।

इसके अलावा इस जाँच मे संक्रमित व्यक्ति के blood sample से भी virus के RNA को identify किया जाता है। यह test संक्रमण के शुरुआत मे ही ज्यादा effective होता है। 

ELISA Test (Enzyme-linked Immunosorbent Assay): यह जाँच mainly संक्रमण की पुस्टि यानि की सम्बंधित व्यक्ति को संक्रमण हुआ या नहीं के लिए उपयोगी होता है। 

यह test body मे Nipah virus (NIV) के खिलाफ बनने वाली antibody IgM और IgG को identify करता है। संक्रमण के कुछ time बाद ही यह टेस्ट positive result देता है।

Clinical Symptoms के आधार पर संक्रमण की जांच: इस जाँच मे संक्रमित व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ, सिर दर्द, बुखार, उल्टी, मानसिक भ्रम या बेहोशी जैसे लक्षणों के आधार पर डॉक्टर जाँच करते हैं। 

खासकर तब जब सम्बंधित व्यक्ति किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क मे रहा हो या फिर संक्रमित जानवर जैसे चमगादड़ के संपर्क मे आया हो।

Virus Isolation Test: यह जाँच  High containment labs में की जाती है हालाँकि यह टेस्ट जोखिम से भरा हुआ है लेकिन यह एक confirmatory टेस्ट है।

इस test मे संक्रमित व्यक्ति की body से वायरस के sample लेकर अलग किया जाता है।

इसके बाद वायरस के सैंपल की सावधानी पूर्वक जाँच की जाती है। यह टेस्ट केवल अत्यधिक सुरक्षित लैब (BSL-4) मे ही किया जाता है।

Next-Generation Sequencing (NGS): यह एक advance तकनीक है जो की संक्रमित व्यक्ति के शरीर मे हुए संक्रमण की genomic information देता है।

इस तकनीक के द्वारा virus के variants और mutation की पहचान की जाती है।

क्या निपाह वायरस की जांच सभी जगह संभव है?

Nipah Virus की जाँच सभी जगह संभव नहीं है। NIV केवल high risk case, संभावित संक्रमण क्षेत्रों, या फिर government के order के under ही किया जाता है। 

यह सभी जगह उपलब्ध नहीं है क्योकि यह एक high risk virus है। इस वायरस की पुस्टि के लिए India मे कुछ ही प्रयोगशालाएं (BSL-4 Level Labs)  मान्यता प्राप्त है।

  • NIV पुणे (National Institute of Virology, Pune): यह लैब India की main और बड़ी virology लैब है जो की pune मे है I यह lab CMR के तहत कार्य करती है।यहाँ पर virus की पुस्टि के लिए RT-PCR और Virus Isolation टेस्ट किए जाते हैं।
  • ICMR की अधिकृत प्रयोगशालाएं (Under ICMR Lab): Indian Council of Medical Research (ICMR) ने कुछ states मे ऐसी labs को अधिकृत किया है जहां पर NIV के samples भेजे जा सकते है जो कि नीचे लिखे गए है:
    • NIV Pune
    • ICMR-NARI, Pune
    • ICMR-NIRTH, Jabalpur
    • ICMR-NIE, चेन्नई
    • ICMR-RMRC, Bhubaneswar

NIV के symptom लगे तो क्या करें? 

अगर आप को लगता है की आपको ऊपर दिए गए लक्षण जैसे कि चक्कर आना, उनींदापन, और तंत्रिका से सम्बंधित लक्षण या फिर साँस लेने मे तकलीफ हो रही है तो सावधान हो जाइये। ये virus के symptoms भी हो सकते है।

इस case मे अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल या जिला अस्पताल जाएं। वहा के doctor यह decide करेंगे की आपको जाँच की जरुरत है की नहीं। अगर जरूरत पड़ी तो फिर sample ICMR Lab भेजा जायेगा।

सावधानी ही बचाव है

Nipah virus की समय पर पहचान से इस वायरस को control किया जा सकता है। डरने की जरुरत नहीं है बस जागरूक रहना है और सावधानियां बरतनी है।

चमगादड़ो द्वारा खाये हुए फल न खाये। संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क मे आने से बचना चाहिए। वायरस के लक्षण दिखने पर तुरंत doctor से परामर्श ले। साथ ही साथ government के guidelines follow करे।

निष्कर्ष (Conclusion)

Nipah Virus एक जानलेवा virus हैं जो कि जानवरो से इंसानो मे फैलता है। इसके फैलने का मुख्य कारक चमगादड़ है। यह तेज़ी से फैलने वाला वायरस है जो इसको और भी खतरनाक बना देता है।

इसके शुरुआती लक्षण starting मे normal fever के जैसे दिखाई देते है, लेकिन यह वायरस जल्दी ही संक्रमित व्यक्ति को brain infection या कोमा जैसी जानलेवा स्थिति मे पंहुचा देता है।

अभी तक Nipah Virus की कोई vaccine नहीं बनी है और ना ही इसका कोई permanent treatment है। जागरूक रहना और खुद को एवं दुसरो को भी इस वायरस के सम्बन्ध मे शिक्षित करना ही इस वायरस से बचने का तरीका है। ध्यान रहे आपकी सतर्कता ही बचाव है।

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